खाद्य मंत्रालय चीनी मिलों को 7,400 करोड़ का सस्ता कर्ज और देगी
सरकार चीनी मिलों को कम ब्याज पर 7,400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज देने की तैयारी कर रही है। यह कर्ज हाल में शुरू की गई योजना के तहत एथनॉल उत्पादन क्षमता स्थापित करने के लिए दिया जाएगा। खाद्य मंत्रालय जून में शुरू की गई इस योजना के तहत यह सुनिश्चित करने पर विचार कर रहा है कि नॉनमोलासेस डिस्टलरीज भी नई एथनॉल निर्माण क्षमता लगाने या उसके विस्तार के लिए सस्ता कर्ज ले पाएं।
योजना के तहत सरकार ने मिलों को 4,400 करोड़ का कर्ज देने और 5 साल के लिए 1,332 करोड़ की ब्याज सहायता देने की घोषणा की है। इसमें एक साल तक ब्याज न चुकाने की छूट की अवधि भी शामिल है। अतिरिक्त सस्ता कर्ज देने पर मंजूरी लेने के लिए नियमों में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। फिलहाल योजना के तहत मोलासेस-आधारित डिस्टलरीज को ही इसकी अनुमति है।
सस्ते कर्ज के लिए 282 आवेदन आए, 114 को मंजूरी
खाद्य मंत्रालय को 13,400 करोड़ रुपए के सस्ते कर्ज के लिए 282 आवेदन मिले हैं। इसमें से 6,000 करोड़ रुपए की कर्ज राशि के 114 आवेदनों को मंजूरी दे दी गई है। शेष 168 आवेदनों के लिए मंत्रालय और 7,400 करोड़ रुपए का सस्ता कर्ज देने के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेने की योजना बना रहा है। इस पर सब्सिडी का बोझ 1,600 करोड़ रु. आएगा।
आईटी सेक्टर ने 2018 में अच्छा प्रदर्शन किया
एचआर फर्म रैंडस्टैड इंडिया के प्रमुख पॉल डी. के अनुसार दो साल भर्तियां कम रहने के बाद आईटी सेक्टर ने 2018 में अच्छा प्रदर्शन किया। ईकॉमर्स में निवेश बढ़ने और स्किल्ड लोग उपलब्ध होने के कारण भर्तियां बढ़ी हैं। 2018 में इन्फ्राट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल और एफएमसीजी में सुधार देखने को मिला। दूसरी तरफ बैंकिंग, फाइनशिेंयल सर्विसेज और टेलीकॉम में स्थिति खराब रही। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन की प्रमुख ऋतुपर्णचक्रवर्ती के अनुसार छोटे और मझोले शहरों में उपभोक्ताओं का खर्च बढ़ेगा। इसका फायदा रिटेल कंपनियों को मिलेगा।
कंपनियां खास स्किल वालों को रखने पर ध्यान दे रहीं
हायरिंग फर्म एऑन कोक्यूब्स में एंप्लॉयबिलिटी सॉल्यूशंस के डायरेक्टर समीर नागपाल के अनुसार कंपनियां खास स्किल वालों को रखने पर ध्यान दे रही हैं। तकनीकी रूप से दक्ष लोगों की मांग बनी रहेगी। इंडीड इंडिया के एमडी शशि कुमार ने बताया कि 2018 में कंपनियों को ऐसे लोगों की तलाश थी जो काम की बदलती प्रकृति के हिसाब से कंपनी को आगे बढ़ा सकें। ब्लॉकचने, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी में नौकरियां ज्यादा बढ़ीं। आगे भी इनमें डिमांड रहेगी।
नई टेक्नोलॉजी में स्किल्ड लोगों को 50% तक इन्क्रीमेंट संभव
एचआर विशेषज्ञों का कहना है कि 2018 में कर्मचारियों को औसतन 8-10% इन्क्रीमेंट मिला। 2019 में भी इन्क्रीमेंट की यही दर रहने के आसार हैं। एऑन कोक्यूब्स में एंप्लॉयबिलिटी सॉल्यूशंस के डायरेक्टर समीर नागपाल के अनुसार भारत में इन्क्रीमेंट 9-10% के आसपास स्थिर हो रहा है। यह एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे ज्यादा है। 2018 में औसत इन्क्रीमेंट 9.5% रहा। 2019 के लिए इसका अनुमान 9.6% का है। हालांकि ग्लोबल हंट के एमडी सुनील गोयल का मानना है कि औसत इन्क्रीमेंट 10-12% रहेगा। टॉप परफॉर्मर का इन्क्रीमेंट 15-20% और औसत परफॉर्म करने वालों का 5-8% रह सकता है। खास क्षेत्रों में दक्षता रखने वाले 30-50% तक इन्क्रीमेंट पा सकते हैं।
योजना के तहत सरकार ने मिलों को 4,400 करोड़ का कर्ज देने और 5 साल के लिए 1,332 करोड़ की ब्याज सहायता देने की घोषणा की है। इसमें एक साल तक ब्याज न चुकाने की छूट की अवधि भी शामिल है। अतिरिक्त सस्ता कर्ज देने पर मंजूरी लेने के लिए नियमों में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। फिलहाल योजना के तहत मोलासेस-आधारित डिस्टलरीज को ही इसकी अनुमति है।
सस्ते कर्ज के लिए 282 आवेदन आए, 114 को मंजूरी
खाद्य मंत्रालय को 13,400 करोड़ रुपए के सस्ते कर्ज के लिए 282 आवेदन मिले हैं। इसमें से 6,000 करोड़ रुपए की कर्ज राशि के 114 आवेदनों को मंजूरी दे दी गई है। शेष 168 आवेदनों के लिए मंत्रालय और 7,400 करोड़ रुपए का सस्ता कर्ज देने के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेने की योजना बना रहा है। इस पर सब्सिडी का बोझ 1,600 करोड़ रु. आएगा।
आईटी सेक्टर ने 2018 में अच्छा प्रदर्शन किया
एचआर फर्म रैंडस्टैड इंडिया के प्रमुख पॉल डी. के अनुसार दो साल भर्तियां कम रहने के बाद आईटी सेक्टर ने 2018 में अच्छा प्रदर्शन किया। ईकॉमर्स में निवेश बढ़ने और स्किल्ड लोग उपलब्ध होने के कारण भर्तियां बढ़ी हैं। 2018 में इन्फ्राट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल और एफएमसीजी में सुधार देखने को मिला। दूसरी तरफ बैंकिंग, फाइनशिेंयल सर्विसेज और टेलीकॉम में स्थिति खराब रही। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन की प्रमुख ऋतुपर्णचक्रवर्ती के अनुसार छोटे और मझोले शहरों में उपभोक्ताओं का खर्च बढ़ेगा। इसका फायदा रिटेल कंपनियों को मिलेगा।
कंपनियां खास स्किल वालों को रखने पर ध्यान दे रहीं
हायरिंग फर्म एऑन कोक्यूब्स में एंप्लॉयबिलिटी सॉल्यूशंस के डायरेक्टर समीर नागपाल के अनुसार कंपनियां खास स्किल वालों को रखने पर ध्यान दे रही हैं। तकनीकी रूप से दक्ष लोगों की मांग बनी रहेगी। इंडीड इंडिया के एमडी शशि कुमार ने बताया कि 2018 में कंपनियों को ऐसे लोगों की तलाश थी जो काम की बदलती प्रकृति के हिसाब से कंपनी को आगे बढ़ा सकें। ब्लॉकचने, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी में नौकरियां ज्यादा बढ़ीं। आगे भी इनमें डिमांड रहेगी।
नई टेक्नोलॉजी में स्किल्ड लोगों को 50% तक इन्क्रीमेंट संभव
एचआर विशेषज्ञों का कहना है कि 2018 में कर्मचारियों को औसतन 8-10% इन्क्रीमेंट मिला। 2019 में भी इन्क्रीमेंट की यही दर रहने के आसार हैं। एऑन कोक्यूब्स में एंप्लॉयबिलिटी सॉल्यूशंस के डायरेक्टर समीर नागपाल के अनुसार भारत में इन्क्रीमेंट 9-10% के आसपास स्थिर हो रहा है। यह एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे ज्यादा है। 2018 में औसत इन्क्रीमेंट 9.5% रहा। 2019 के लिए इसका अनुमान 9.6% का है। हालांकि ग्लोबल हंट के एमडी सुनील गोयल का मानना है कि औसत इन्क्रीमेंट 10-12% रहेगा। टॉप परफॉर्मर का इन्क्रीमेंट 15-20% और औसत परफॉर्म करने वालों का 5-8% रह सकता है। खास क्षेत्रों में दक्षता रखने वाले 30-50% तक इन्क्रीमेंट पा सकते हैं।
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